धर्म-अध्यात्म

Putrada Ekadashi 2025 vrat katha: पौष पुत्रदा एकादशी पर पढ़ें व्रत कथा

Renuka Sahu
9 Jan 2025 7:13 AM GMT
Putrada Ekadashi 2025 vrat katha: पौष पुत्रदा एकादशी पर  पढ़ें  व्रत कथा
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Putrada Ekadashi 2025 vrat katha: इस साल 17 जनवरी की पौष पुत्रदा एकादशी है। इस दिन व्रत रखने से संतान संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं। यहां पढ़ें इस व्रत की कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय भद्रावती नदी के तट पर राजा संकेतमान नाम का राजा राज्य करता था। उसकी पत्नी का नाम शैव्या था। राजा के पास किसी चीज की कमी नहीं थी। राज्य मे धन-धान्य संपन्न और प्रजा सुखी थी। बस राजा को एक बात का दुख था कि उसके कोई संतान नहीं थी। इस वजह से राजा परेशान रहता था। राजा अपनी प्रजा का भी पूर्ण ध्यान रखता था। संतान न होने के कारण राजा को निराशा घेरने लगी। वह आत्मघात के बारे में सोच रहा था। उसने पुत्र की कामना के लिए यज्ञ किया, लेकिन देवताओं का आशीर्वाद भी नहीं मिला। अंत में राजा वन में चला गया। वन में वो घूमते हुए एक सरोवर के पास पहुंचा। सरोवर में सभी मेढ़क आदि अपने पुत्रों के साथ खेल रहे थे, राजा को इस बात से निराशा हुई।
तभी रास्त में एक मुनि का आश्रम पड़ा। राजा ने घोड़ा रोककर मुनि को प्रणाम किया। मुनि को प्रणाम कर राजा ने उन्हें अपनी परेशानी बताई। मुनि ने उन्हें पुत्र की कामना के लिए किए जाने वाले व्रत पुत्रदा एकादशी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि राजा इस व्रत को करें और रात्रि जागरण करें, तो निश्चय ही उनके संतान होगी। इसके बाद राजा को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।राजा ने विधि पूर्वक एकादशी का व्रत पूर्ण किया और नियम से व्रत का पारण किया। इसके बाद रानी ने कुछ दिनों गर्भ धारण किया और नौ माह के बाद एक सुंदर से पुत्र को जन्म दिया। आगे चलकर राजा का पुत्र श्रेष्ठ राजा बना।
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